जब ममता सरकार में एक हिन्दू को हिन्दू होने की मिली सजा और बची कुची कसर कोरोना महामारी ने ले ली। तब वाराणसी की साधना फाउंडेशन और बरेली की नाथ नगरी रक्तदान सेवा समिति सहायता के लिए आई आगे। आप भी कर सकते है सहयोग। कुछ वर्षों पहले कोलकाता में यह परिवार हंसी खुशी रह रहा था, जहां बहन रंजीता के भाई बजरंग दल में हिंदुत्व का झंडा उठाए थे और उनके पिताजी वहां एक अच्छी नौकरी करते थे और यह बहन खुद एक बहुत बड़ी कलाकार है, जो टी-शर्ट पर हिंदू देवी देवताओं और नेताजी सहित माननीय योगी जी का चेहरे को उजागर कर अपने कलाकारी का परचम लहराती थी। मगर ममता सरकार में हिंदुओं की कोई औकात कहां? इस परिवार को टारगेट कर इतना टॉर्चर किया गया और कोरोना के समय जब लॉकडाउन लगा, तब परिवार के सभी कमाने वाले लोगों की नौकरी चली गई, जिसके बाद यह परिवार कोलकाता छोड़ काशी में आकर बस गया,जहां बाबा की शरण में यह परिवार डेढ़ साल तक भीख मांग कर अपना जीवन जिया है। इन्हीं सब बुरे माहौल के बीच बहन रंजीता की तबीयत खराब हुई और उन्हें पैरालाइज अटैक हुआ जिसमें कमर के नीचे का पूरा हिस्सा काम करना बंद कर गया, उनका घुटना तक न...