देखते ही देखते पेट्रोल की कीमत ₹100 के पार पहुंच रही है। आखिर क्या है इसका कारण❓
पेट्रोल की कीमत कई शहरों में ₹100 के पार पहुंच चुकी है। जिसके कारण देश की जनता हैरान है। ऊपर से कोरोना महामारी के चलते आम जनता का आय का स्रोत ना होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा राजनीतिक हालात में सरकार तेल के दाम कम नहीं कर पा रही है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि, यूपीए सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा आज केंद्र सरकार और जनता भुगत रही है। यूपीए सरकार द्वारा जारी 1.31 लाख करोड़ के ऑयल बांड्स के बोझ का भुगतान सरकार को इस वर्ष अक्तूबर से मार्च 2026 तक करना है।
पूर्व में कच्चे तेल का दाम अधिक होने पर उसका बोझ जनता पर नहीं डाला जाता था। तेल के लिए सब्सिडी की राशि के बदले, तेल कंपनियों को आयल बांड जारी कर दिया जाता था। इन बांड की अवधि 10 वर्ष से 20 वर्ष की होती थी।
यूपीए सरकार की तरफ से जारी 1.31 लाख करोड़ रुपये आयल बांड्स का भुगतान भारत सरकार को इस वर्ष अक्टूबर से लेकर मार्च 2026 के बीच करना होगा।
वित्त मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर व नवंबर में पाँच, पाँच हजार करोड़ रुपए के बांड्स का भुगतान होना है। यूपीए सरकार की तरफ से जारी इन बांड्स पर मूल व ब्याज लेकर 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान होना है।
वर्ष 2023 में 22,000 करोड़, वर्ष 2024 में 40,000 करोड़ व वर्ष 2026 में भी 37,000 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
सन 1996-97 के बाद सरकार द्वारा तेल के दाम कम करने के लिए तेल कंपनियों को आयल बांड जारी किया जाने लगा। तेल उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की बात भी उठी थी। लेकिन कोई भी सरकार इसके लिए तैयार नहीं है और पूर्व के समय में जारी किए गए ऑयल बॉन्ड का भुगतान तेल कंपनियों को करना है जिसका बोझ आम जनता कि जेब पर ही पड़ेगा।
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