अखिल भारतीय विद्वत् परिषद का विद्वद् अलंकरण समारोह हुआ संपन्न देश व विदेश से आए विभिन्न विद्वानों को किया गया सम्मानित।
विद्वद अलंकरण समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व देश-विदेश से पधारे विद्वानों का वाक्यपुष्प द्वारा प्रो. रामपूजन पाण्डेय ने स्वागत सम्मान किया।
राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कामेश्वर उपाध्याय ने विद्वत् परिषद का वृतनिवेदन किया तथा प्रकाशित ग्रंथों के ऊपर प्रकाश डाला।
मंचस्थ सम्मानितजनों का पुष्पमाला से सम्मान संस्था के उपाध्यक्ष द्वय प्रो. टी.पी. चतुर्वेदी एवं प्रो. कैलाश नाथ तिवारी के द्वारा किया गया।
परिषद के युवा प्रभारी आचार्य धवल उपाध्याय ने विद्वत् परिषद् की ओर से समागत विद्वानों को स्फटिक एवं रुद्राक्ष की माला से सम्मानित किया।
सभा का संचालन श्रीमती अपराजिता सिंह ने तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. जयशंकर लाल त्रिपाठी ने की।
सन् 2020 एव' सन् 2021 कालखण्ड के मध्य विद्वत् परिषद के मृत विद्वानों को श्रद्धांजलि समर्पित की गयीं।
इस वर्ष के कार्यक्रम में अनेक ऐसे समाजसेवियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने कोरोना काल में आगे बढकर निर्भय मन से लोगों की सेवा की।
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज जी का अग्रपूजन किया गया तथा उन्हे यतिशिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि महामहिम नीलेश रोनील कुमार (फिजी) को राजनय शिरोमणि सम्मान से, आचार्य नमन कृष्ण भगवतकिंकर को धर्ममार्तण्ड सम्मान से , प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय को राष्ट्रभक्तकवि सम्मान से, प्रो. लल्लन मिश्र को रसायनशिरोमणि सम्मान से, डॉ. अजय सिंह को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया।
अन्य विद्वद् विभूतियों में प्रो. बृज कुमार द्विवेदी (आयुर्वेद) , प्रो. रुद्र प्रकाश मलिक (भौतिक विज्ञान) , प्रो. संजय कुमार शर्मा (माइनिंग), प्रो. चन्दन उपाध्याय (पदार्थ विज्ञान) , प्रो. नवल किशोर मिश्र (विधि) , प्रो. अमित नन्दन द्विवेदी (रेडियोलाजी), प्रो. सुधाकर मिश्र (वेदान्त) , प्रो. महेन्द्र पाण्डेय (वेद) , प्रो' अरविंद कुमार जोशी (समाज विज्ञान), प्रो. धर्मदत्त चतुर्वेदी (संस्कृति व्याकरण) . आचार्य गंगाधर पंडा (अथर्ववेद), डॉ. वीरेंद्र कुमार मिश्र (ग्रंथालय) डा. विजय कुमार शर्मा (वेद) , डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी व डॉ. अशोक राय (बाल चिकित्सा) , डॉ. शिवज्योति मुखर्जी (आयुर्वेद), डॉ. रजनीश नाथ (नेत्र चिकित्सा), डॉ. नीरज खन्ना (चिकित्सा एवं संस्कृति) तथा डॉ. श्रीमती उषा शुक्ला (धर्मागम) प्रभृति को विद्वद्बभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।
धर्म' संस्कृति, कला तथा समाजसेवा के क्षेत्र में श्री राजेन्द्र गोयनका, श्री अरविन्द जायसवाल, डॉ. उपेन्द्र विनायक सहस्त्रबुद्धे, श्री सुधीर चन्द्र मेहरोत्रा, श्री पंकज सिंह, श्री मदन मोहन, श्री पंकज अग्रवाल एवं श्री नागेन्द्र द्विवेदी प्रभृति को समाजसेवा/धर्मसेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस वर्ष ग्रन्थ आधारित पुरस्कार प्रो. स्मिता द्विवेदी,वाराणसी को (महाकवि जयदेव पुरस्कार) उनके ग्रन्थ गीत-गोविंद, एक समीक्षात्मक दृष्टि पर , प्रो. पवन कुमार शास्त्रीय वाराणसी को 'महर्षियाज्ञवल्कय पुरस्कार' उनके ग्रंथ भारतीय व्रत पर्व विमर्श पर, प्रो. गोकुलेन्द्र नारायण देव गोस्वामी असम को महर्षि व्यास पुरस्कार’ उनके ग्रन्ध वेद-भारती पर तथा प्रो. प्रमोदिनी पण्डा, वाराणसी को ’महर्षिकपिल पुरस्कार‘ उनके ग्रन्थ ‘ संख्यविवृत्ति’ पर प्रदान किया गया।
युवप्रतिभा सम्मान से डॉ. विपुल शर्मा (दन्त चिकित्सा विज्ञान) वाराणसी तथा डॉ. दीपक कुमार पाण्डेय (न्यायदर्शन) , वाराणसी को सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर विद्वत् परिषत् की ओर से (1) श्रीसप्तशती, (2) कात्यायनीतन्त्रम् तथा (3) कवचार्गलाकिलकस्तोत्राणि पुस्तकों का विमोचन किया गया ।
मुख्य अतिथि महामहिम नीलेश रोनील कुमार, सह-राजदूत, फिजी थे। अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो. जयशंकर लाल त्रिपाठी ने कहा कि देश में धर्म और संस्कृति का अभ्युदय हो रहा हैं । श्री काशी विश्वनाथ परिसर का भव्य उद्घाटन इसका प्रबल प्रमाण है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के श्रेष्ठ निर्देशन में राष्ट्र निरन्तर तीव्र प्रगति कर रहा है । विद्वत परिषद् उनकी दीर्घायु की कामना करती है।। अंत मे धन्यवाद ज्ञापन प्रो. टी.पी. चतुर्वेदी द्वारा किया गया ।
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