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 सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में लगी भ्रष्टाचार की दीमक। सार्वजनिक अवकाश के दिन जारी हुआ स्थानांतरण का आदेश।








उत्तर प्रदेश राज्य महाकर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय सिंह ने सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन आलोक कुमार जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। अजय सिंह ने कहा कि उन्होंने खंडीय संवर्ग के लिपिक के स्थानांतरण में घोर भ्रष्टाचार किया है। अजय सिंह ने उच्च अधिकारियों को आलोक कुमार जैन के इस कृत्य की जानकारी पूर्व में ही दे दी थी। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कार्यालय के बाबू संग मिलकर खेला भ्रष्टाचार का खेल आपको जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि लखनऊ बैठे अधिकारियों ने आनन-फानन में बकरीद के दिन स्थानांतरण कर दिया, जब तुम सारा दिन का अवकाश था। हालांकि सूत्र बताते हैं के इस खेल में आलोक कुमार जैन के साथ कार्यालय प्रमुख अभियंता ई-4 में तैनात बाबू मुकुल और रामकुमार पर्दे के पीछे के खिलाड़ी थे जिन्होंने सारी पटकथा लिखी।वर्तमान में प्रमुख अभियंता कार्यालय ई-4 भ्रष्टाचार के लिए प्रसिद्ध है।मुकुल और रामकुमार आलोक कुमार जैन के कारखास हैं जो उनके आर्थिक प्रबंधन का कार्य भी करते हैं। एचआरके बाबू मुकुल पहले से ही कई जांच के घेरे में हैं और अब यह नया कारनामा मुकुल के जांच में एक अंक का इजाफा करेगा। अभी तक लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद हुआ या आलोक कुमार जैन और उनके शागिर्द बाबू को याद नहीं था कि जिस तारीख में स्थानांतरण किया जा रहा है उस दिन सार्वजनिक अवकाश था।हालांकि उत्तर प्रदेश राज्य महाकर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर सिंचाई विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी दे दी है।अब देखना है कि मुख्यमंत्री इस विषय पर क्या करवाई करते है। वैसे भी सिंचाई विभाग इस समय सुर्खियों में है अधिकारी इतने कंफ्यूज हैं कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि सत्र शून्य है या उनका विवेक।

                    कुछ दिन पहले ही सहायक की सूची जारी हुई और आज ही उस सूची को निरस्त कर दिया गया। इससे साफ साफ पता चलता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू और अधिकारियों ने कितनी जल्दबाजी दिखाई है।

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