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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23वें SCO शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की, आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का किया आह्वान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वर्चुअली आयोजित शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों से इस खतरे से मिलकर लड़ने का आह्वान किया।
क्या SCO भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है ?
वहीं उन्होंने दूसरी ओर दुनिया पर छाए खाद्य, तेल और उर्वरक संकट का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर विचार करना चाहिए कि संगठन के रूप में हम लोगों की अपेक्षा और आकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। क्या हम आधुनिक चुनौतियों को सामना करने में सक्षम हैं और क्या एससीओ एक ऐसा संगठन बन रहा है, जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है।
SCO शांति, प्रगति और विकास का महत्वपूर्ण मंच
अपने शुरुआती भाषण में PM मोदी ने कहा कि पिछले दो दशक में एशियाई क्षेत्र में SCO शांति, प्रगति और विकास का महत्वपूर्ण मंच रहा है। हम इसे केवल एक विस्तृत पड़ोस नहीं बल्कि एक विस्तृत परिवार के तौर पर देखते हैं।
भारत ने SCO में सहयोग के 5 नए आयाम किए तैयार
उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ में सहयोग के 5 नए आयाम तैयार किए हैं। इसमें स्टार्टअप और इनोवेशन, परंपरागत चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत शामिल है।
भारत 2 सिद्धांतों पर कर रहा प्रयास
उन्होंने कहा कि भारत 2 सिद्धांतों वसुधैव कुटुंबकम और सिक्योर (secure) पर आधारित प्रयास कर रहा है। भारत विश्व को एक परिवार के तौर पर मानता है। साथ ही सुरक्षा, आर्थिक विकास, संपर्क, एकता, संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित सोच का समर्थन करता है।
आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं
इस दौरान PM मोदी ने एक बार फिर आतंकवाद से वैश्विक शांति को खतरे की ओर ध्यान दिलाते हुए इस पर निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें सीमा पार आतंकवाद को हथियार की तरह इस्तेमाल करने वाले देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
भारत समावेशी सरकार और महिलाओं व बच्चों के अधिकारों का समर्थक
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान का विषय उठाया और कहा कि भारत पड़ोसी देश में समावेशी सरकार और महिलाओं व बच्चों के अधिकारों का समर्थक है। उन्होंने कहा कि भारत नहीं चाहता कि अफगानिस्तान दूसरे देशों में अस्थिरता का कारण बने।
ईरान को नए सदस्य के तौर पर SCO में शामिल होने पर दी बधाई
इस दौरान पीएम मोदी ने यह कहा कि यूएन सहित अन्य संस्थानों में भी सुधार के लिए एससीओ एक महत्वपूर्ण आवाज बन सकता है। पीएम मोदी ने ईरान को नए सदस्य के तौर पर SCO में शामिल होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि आज ईरान एससीओ परिवार में एक नए सदस्य के रूप में जुड़ने जा रहा है। साथ ही बेलारूस को शामिल करने के लिए मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ईरान के शामिल होने से अब भारत चाबहार पोर्ट को लेकर और बेहतर ढंग से सहयोग कर पाएगा।
'भाषिनी' को सबके साथ साझा करने पर जताई खुशी
इस दौरान पीएम मोदी ने एआई आधारित भाषाई मंच भाषिनी को सबके साथ साझा करने पर हर्ष व्यक्त किया। इससे एससीओ देशों में भाषा से संबंधित रुकावटें दूर होंगी। पीएम मोदी ने कहा एससीओ के अंतर्गत भाषा संबंधित बाधाओं को हटाने के लिए हमें भारत के एआई बेस्ड लैंग्वेज प्लेटफॉर्म भाषिनी को सभी के साथ साझा करने में खुशी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह डिजिटल टेक्नोलॉजी फॉर इंक्लुजिव ग्रोथ का एक उदाहरण बन सकता है।
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